*आंवला के गुण है हज़ार*
*===============*
*एक अनार सौ बीमार ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी, लेकिन आप ये जानकर हैरान हो जाऐंगे कि इस धरती पर अन्य फल सब्जियों के बीच एक ऐसा फल भी मौजूद है, जो सौ मर्ज की एक दवा है, वह है आंवला। औषधीय गुणों का ख़जाना आंवला अनगिनत आरोग्य लाभों से परिपूर्ण हैं। विटामिन सी से भरपूर आंवला में कैरोटीन, सोडियम, फाईबर और बी काॅम्प्लेक्स समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस स्वास्थ्यवर्धक फल की क्षमता का उल्लेख न जाने कितने प्राचीन स्वास्थ्य संबधी ग्रंथों एंव आधुनिक औषधीय अनुसंधानों में किया गया है। इस औषधीय फल के अनगिनत लाभ हैं, आइए जानते हैं*
*बालों को दे मज़बूती*
*बाल झड़ना एक आम समस्या का रूप धारण कर चुकी है। आंवला एक ऐसा प्राकृतिक टाॅनिक है, जो न सिर्फ बालों के विकास को बढ़ावा देता है बल्कि झड़ने से भी रोकता है। अपने बालों को मज़बूत और चमकदार बनाने के लिए आंवला रस एंव तिल के तेल का मिश्रण अपने बालों में लगाएं और बालों की उम्र बढ़ाएं।*
*दिमाग तेज़ बनाए*
*आंवला एक प्रभावी मस्तिष्क टाॅनिक है। जो स्मृति तेज़ करने और एकाग्रता को सुधारने में मदद करता है। अपने दिमाग को पोषण देने के लिए आंवले को कच्चे रूप में खाएं।*
*आंखों को बनाए चमकदार*
*आंवला आंखों की दृष्टि में सुधार लाता है और आंखों में खुजली और जलन से राहत दिलाता है। आंवला का जूस कनजकटीवाइटिस का भी प्रबल उपचार है।*
*गला रहे तंदुरस्त*
*आंवला गले को भी तंदुरस्त रखने में सहायता करता है। अदरक के जूस के साथ इसका सेवन करने से गल-शोध एवं थाइरोइड जैसे विकारो से मुक्ति मिलती है।*
*दिल रखें स्वस्थ*
*आंवला दिल को आरोग्य रखने का भी एक सबल तरीका है। यह मधुमेह को दूर कर आपकी ज़िंदगी को मधुमय बना देता है। यह रक्तचाप को नियनतरण में रखता है और दिल के रोग और दिल के दौरे से बचाव करता है।*
*लिवर रहे निरोग*
*लिवर न केवल मानव शरीर में सबसे बड़ी ग्रंथि है, लेकिन यह काफी महत्वूर्ण भी है। इसके बिना मानव शरीर 2 दिनों के भीतर काल को प्राप्त हो सकता है। आंवला पीलिया और हेपेटाइटिस जैसे यकृत विकारों में बहुत प्रभावी है।*
*आंवला से बुढ़ापे रहे दूर*
*बुढ़ापा एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे कोई रोक नहीं सकता परंतु आंवला इस प्रतिक्रिया की गति को मंद अवश्वय कर सकता है। आंवला को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने से यौवन अनुरक्षण करने में सहायता मिलती है। इस फार्मूले को व्याप रुप से वैदिक काल में इस्तेमाल किया जाता था।*
Post a Comment