जौनपुर
धान की खेती को लेकर किसानों में आशा निराशा का दौर चलता रहा है। जुलाई और अगस्त महीने में बारिश बहुत कम होने से किसानों की मायूसी बहुत बढ़ गई थी और इस वर्ष कम बारिश के चलते पिछले साल की तुलना में धान की रोपाई भी कम क्षेत्रफल में हुई है।
सितंबर महीने में बीच- बीच में हल्की फुल्की बारिश से किसानों की निराशा कम हुई है।इस बीच धान की अगेती किस्मों में धान की बालियां निकलने लगी हैं जिसे देखकर किसानों के चेहरे खुश होने लगे हैं यह विकास खंड मछलीशहर के कठार गांव का दृश्य है जहां किसान शीतला सिंह ने बताया कि रोपी गई अगेती प्रजाति में अब बालियां निकलने लगी हैं। धान की अगेती प्रजातियों की फसलें सामान्य प्रजातियों की तुलना में जल्दी तैयार हो जायेगी।धान की सामान्य प्रजातियों में अभी बाली निकलने में 15 से 20 दिन का समय लगेगा।धान की अगेती किस्म की फसल के जल्दी तैयार होने का लाभ किसानों को रबी फसलों की बुआई में मिलता है। गेहूं की फसल की बुआई समय से हो जाती है लेकिन अगेती धान की फसल तैयार होने पर अगर बरसात होने लगती है तो फसल के बर्बाद होने की आशंका बनी रहती है।इस सम्बन्ध में गांव बामी के किसान शैलेंद्र सिंह कहते हैं कि बालियों को निकलते समय किसानों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है क्योंकि इस समय धान की निकल रही बालियों पर कीट पतंगों का खतरा बढ़ जाने की सम्भावना होती है जिस कारण फसल की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आंशका बनी रहती है।

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