टॉप टेन की सूची में शामिल नुआंव एसएचओ ने वीडियो वायरल करने वाले को हड़काया भन्नाते हुए बोला, फेस बुक से डिलीट करो नहीं तो जेल भेज देंगे

 टॉप टेन की सूची में शामिल नुआंव एसएचओ ने वीडियो वायरल करने वाले को हड़काया

भन्नाते हुए बोला, फेस बुक से डिलीट करो नहीं तो जेल भेज देंगे

मामला कुढ़नी  का,नुआंव पुलिस का हस्तक्षेप बना चर्चा का विषय

आइडियल इंडिया न्यूज
विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता कैमूर बिहार


 

नुआंव/कैमूर।रोज नए नए करतूतों से सुर्खियां विटोर रहे एसएचओ नुआंव एक बार फिर चर्चा में आ गए है।ताजा मामला यातायात नियमों का पालन कराने वाली कुढ़नी पुलिस पर सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा उठाए गए सवाल से भन्नाए एसएचओ नुआंव शांतनु कुमार द्वारा वीडियो वायरल करने वालो को हड़काकर फेसबुक से डिलीट कराने का है।जो एक बार फिर चौक चौराहों पर गूंजने लगी है।मामला कुढनी थाना के अंदर संचालित डायल 112 नंबर गाड़ी BR01HP 1231 के प्रभारी एवं ड्राइवर तथा आरक्षी द्वारा याता यात नियमों का पालन नहीं किए जाने से जुड़ा हुआ है।जब मामला तुल पकड़ने लगा तो कुढ़नी पुलिस ने कैमूर जिले के थाना अध्यक्षों में टॉप टेन चल रहे नुआंव एसएचओ शांतनु कुमार से मदद मांगी।क्योंकि वीडियो वायरल करने वाला युवक का घर नुआंव थाना के अंदर पड़ता है।बढ़ा गांव निवासी राजेश कुमार प्रजापति ने बताया कि कुढ़नी पुलिस रमकर पुर बंगला पर वाहन चेकिंग के नाम पर गुंडागर्दी के साथ खुलेआम रुपए ले रही थी।जिसका शिकार मै भी हुआ। लेकिन मैं रिश्वत देने के बजाय चलान कटवा लिया था।उन्होंने बताया कि मुझे रोक कर 112 के पुलिस पदाधिकारी ट्रैफिक नियमो का पाठ पढ़ा रहे थे और मौके पर मौजूद कांस्टेबल मेरे साथ बदसूलकी पर उतारू थे।उनलोगों की चाहत थी मैं  चालान न कटाऊ और 4-5 सौ रुपए देकर रफूचक्कर हो जाऊ।मैंने कहा कि मैं हेलमेट नहीं पहना हूं मेरा चालान कर दीजिए।तब मेरा चलान काट कर मुझे छोड़ दिया गया।ठीक उसके आधे घंटे बाद जो पुलिसकर्मी मेरा चालान काटे थे उन्हीं से मुलाकात चन्डेश चौक पर हो गया।तो मैने अन्य लोगों के साथ उनकी गाड़ी रुकवा कर उनसे भी ट्रैफिक नियमों का पालन करने का अनुरोध किया।क्योंकि एसआई  एवं ड्राइवर द्वारा सीटबेल्ट नहीं लगाया गया था।सर पर टोपी भी नहीं थी।पुलिस कर्मी भी नियम का उल्लंघन करते देखे गए थे।जिसका मेरे द्वारा वीडियो बनाकर संबंधित पदाधिकारियों को भेजते हुवे कार्रवाई हेतु वायरल किया गया था।ताकि  पुलिस पर भी कार्रवाई हो।क्योंकि संविधान में कानून सभी के मौलिक अधिकारो की रक्षा एवं दंड के लिए समानता का अधिकार देता है।राजेश ने बताया कि मामला तुल पकड़ते देख एसएचओ नुआंव ने मुझे हड़काया और चुनाव आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की बात कह केस में फ़साने की धमकी दी।और कहा कि अपने फेस बुक एकाउंट से वीडियो डिलीट कर उसी एकाउंट से माफी मांगे की पुलिस की गाड़ी रोककर वीडियो बनाना गैर कानूनी कदम था।इसके बाद मै डर गया और भयभीत हो जैसे एसएचओ ने बोला फेस बुक एकाउंट पर लिख अपनी जान बचा ली यह सोच कर कि इस चुनाव के समय में  पुलिस से पंगा लेना सांप के बिल में हाथ डालने के समान है।
उधर एसएचओ का कहना है कि पुलिस की गाड़ी रोक कर वीडियो बनाना अपराध की श्रेणी में आता है।कुढ़नी पुलिस ने मुझसे शिकायत की थी।वायरल कर्ता मेरे थाना क्षेत्र का निवासी है।इसलिए मेरे द्वारा एक्शन लिया गया।

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