आइडियल इंडिया न्यूज़ के समूह संपादक डॉ प्रमोद वाचस्पति ने अपने घायल मित्र गिरीश कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट के आवास पर जाकर जाना कुशाल क्षेम

 आइडियल इंडिया न्यूज़ के समूह संपादक डॉ प्रमोद वाचस्पति ने अपने घायल मित्र गिरीश कुमार श्रीवास्तव एडवोकेट के आवास पर जाकर जाना कुशाल क्षेम 

आइडियल इंडिया न्यूज़ 

ब्यूरो डेस्क जौनपुर 


जौनपुर। जनपद के वरिष्ठ रचनाकार ,साहित्यकार और अधिवक्ता गिरीश कुमार श्रीवास्तव के एक दुर्घटना में घायल होने के बाद उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना हेतु आइडियल इंडिया न्यूज़ ग्रुप संपादक डा प्रमोद वाचस्पति ने उनके आवास पर जाकर उनका हाल-चाल जाना। बातचीत के दौरान गिरीश कुमार जी ने बताया की दिनांक 21 नवंबर 2025 को उनके पुत्र का मांगलिक कार्यक्रम प्रयागराज में आयोजित था। उसके उपरांत वापस जौनपुर आते समय रास्ते में सुबह करीब 5:00 बजे सुकुल का पूरा, फूलपुर में जबरदस्त दुर्घटना हो गई। उन्होंने बताया कि मांगलिक कार्यक्रम से लौटते समय सुबह भोर के समय, गाड़ियों के काफिले के लोगों ने चाय पीने की इच्छा से एक चाय की दुकान के सामने पटरी पर सभी गाड़ियों को खड़ा कर दिया और चाय पीने के इंतजार में खड़े थे। इसी बीच प्रयागराज की तरफ से सब्जियों से लदी हुई ओवरलोड एक पिकअप गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे बिजली के पोल को टक्कर मारती हुई, सड़क के किनारे खड़े लोगों को रौंदती हुई आगे बढ़ गई। जिसके परिणाम स्वरूप गिरीश जी सहित गाड़ियों के तीन ड्राइवर, उनके कई रिश्तेदार ,उनके भाई को गंभीर चोटे आई । जिसमें सभी की हालत जरूरत से ज्यादा नाजुक हो गई। और इसी क्रम में सबसे महान दुखद घटना यह हुई की मात्र 12 वर्षीय गिरीश जी का भतीजा प्रियांशु श्रीवास्तव की इस दुर्घटना में मौके पर ही मौत हो गई। 

हंसी-खुशी का माहौल पल भर में चीख पुकार, हाहाकार में बदल गया। सभी लोगों को स्थानीय लोगों एवं पुलिस की मदद से प्राथमिक उपचार के पश्चात जनपद मुख्यालय चिकित्सालय प्रयागराज भेज दिया गया।

गिरीश जी ने यह भी बताया की उनका इलाज डा. कपिल कुलश्रेष्ठ जी के जसलोक अस्पताल में किया गया। उनके बाये पैर की हड्डी और दाहिने हाथ की हड्डी टूट गई थी। बातचीत करते समय गिरीश जी बहुत ही भावुक एवं दुखी थे । परंतु वह एक बहुत ही हिम्मती किस्म के व्यक्तित्व हैं। इसके पहले भी उनके उसी पैर की हड्डी टूट चुकी है और आज भी उसी में फिर से यह हादसा हो गया। फिर भी वह हिम्मत हारने वाले व्यक्तित्व नहीं है ।उन्होंने कहा कि जीवन संघर्ष है और वही लोग सफल होते हैं जो जीवन में संघर्षरत रहते हैं ।इसी का नाम जीवन है।

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