मॉरीशस से आई अंतरराष्ट्रीय गायिका का सम्मान आजमगढ़ के धरती पर अंतरराष्ट्रीय संयोजक और पदाधिकारीयों ने किया!

 मॉरीशस से आई अंतरराष्ट्रीय गायिका का सम्मान आजमगढ़ के धरती पर अंतरराष्ट्रीय संयोजक और पदाधिकारीयों ने किया!


वाचस्पति इंडिया न्यूज़ 

संजय पांडेय सरस, प्रमुख संपादक आजमगढ़ 




 19 दिसंबर 2025-आजमगढ़ में होने वाला अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन में मॉरीशस से चलकर आईं अंतर्राष्ट्रीय गायिका एवं भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन मॉरीशस की चेयरपर्सन डॉ वर्षा रानी विश्वेश्वर 'दुल्वा' का सम्मान अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत के संयोजक अरविंद चित्रांश, संरक्षक डॉ भक्त वत्सल, कवि संजय कुमार पांडेय 'सरस' ,गायक राजेश रंजन, तबला सम्राट हरिहरपुर घराना के अध्यक्ष राजेश मिश्रा, गायक रवी शुक्ला, के.पी. सावला, व्यवस्था प्रभारी राजेश कुमार श्रीवास्तव, यातायात प्रांजल पांडेय आदि ने मिलकर रघुकुल होटल में सम्मान करते हुए कहां की अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन का आगाज आजमगढ़ की धरती पर 22 दिसंबर को जुटेगी देश-विदेश की हस्तियां





    भारतीय लोक संस्कृति और भोजपुरी भाषा के सर्वांगीण विकास के संकल्प के साथ 'राष्ट्रीय कला सेवा संस्थान' अपने गौरवशाली 25वें वर्ष के उपलक्ष्य में आगामी 22 दिसंबर को एक ऐतिहासिक समागम करने जा रहा है। 'अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगम भारत-2025' और अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का यह भव्य आयोजन सोमवार सुबह 11:00 बजे से स्थानीय हरिऔध कला केंद्र में संपन्न होगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भोजपुरी साहित्य, कला और परंपराओं को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।


इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भोजपुरी की महत्ता को रेखांकित करने के लिए नेपाल से मधेशी आयोग के प्रथम प्रमुख आयुक्त डॉ. विजय कुमार दत्त और मॉरीशस से भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन की चेयरपर्सन डॉ. वर्षारानी विशेष्वर 'दुल्चा' मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। इनके साथ ही मॉरीशस, सूरीनाम, बैंकॉक,थाईलैंड, नेपाल, सऊदी अरब जैसे देशों से भी भोजपुरी प्रेमी और विद्वान विशिष्ट अतिथि के रूप में आजमगढ़ की धरती पर जुटेंगे। इस अवसर पर आइडियल जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव साहित्यकार संजय कुमार पांडे सरस ने अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी गायिका वर्षा रानी जी का अपने शेरो शायरी के माध्यम से स्वागत करते हुए माहौल को खुशनुमा बना दिया

 अंतरराष्ट्रीय संयोजक अरबिंद चित्रांश ने बताया कि इस मौके पर शोधार्थियों द्वारा शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे और पारंपरिक चित्रकला प्रदर्शनी के साथ-साथ 'बिटिया की नाट्य' जैसे लोकनाट्यों का मंचन भी होगा।आयोजन की गरिमा बढ़ाने के लिए देश के जाने-माने कलाकार और साहित्यकार भी आजमगढ़ पहुंच रहे हैं।

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